शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय


शिव पुराण के अंदर भगवान शिव की महिमा का वर्णन है। कैसे वह अपने भक्तों के दुखों को दूर करने के लिए तरह-तरह के उपायों से भक्तों की मदद करते हैं।

इसी तरह जिन महिलाओं को यहां संतान की प्राप्ति नहीं हो रही हो या जिन महिलाओं को पुत्र प्राप्ति की इच्छा हो। इनके लिए शिव पुराण में पुत्र प्राप्ति के कई उपाय बताए गए हैं।

शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय

लेकिन जिन दंपत्तियों को कई उपाय करने के बाद भी पुत्र की प्राप्ति नहीं हो पा रही हो तो उन्हें एक बार शिवपुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपायों को अपनाकर देखना चाहिए। धर्म शास्त्रों में शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के घरेलू उपाय बताए गए हैं।

इन उपायों से संतान प्राप्ति की संभावना काफी बढ़ जाती है। संतान प्राप्ति की संभावना बढ़ाने वाले उपायों का भी संतान में विचार किया जाता है।



शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय

धतूरे के बीज से शिव पूजन करें

शिव पुराण के अनुसार यदि भगवान शिव की पूजा में धतूरे का फूल चढ़ाकर पूजा की जाए और पुत्र प्राप्ति की कामना शिव के सामने रखी जाए तो दंपत्ति को सुंदर पुत्र की प्राप्ति होती है।

आप जिस किसी भी प्रकार से भगवान शिव की बड़ी श्रद्धा से पूजा करें, उस पूजा को करें। लेकिन एक बात का ध्यान रखें मांसाहार और बीड़ी, शराब, तंबाकू, सिगरेट और तामसिक चीजों का त्याग करना जरूरी है। क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने का काम करता है। मन की शुद्धि भी बहुत जरूरी है।

सावन के महीने में पुत्र प्राप्ति के घरेलू उपाय

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. इस मास में दंपत्ति को एक समय भोजन करना चाहिए और व्रत रखकर तपस्या करनी चाहिए और प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। प्रत्येक सोमवार को 9 वर्ष से कम उम्र की 21 कन्याओं को भोजन कराएं। भगवान शिव आपकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करेंगे। अपने मन को शुद्ध और शांत रखें और अपने आहार में केवल सात्विक खाद्य पदार्थों को ही शामिल करें।

वृक्षारोपण के उपाय

शिव पुराण में संतान प्राप्ति के कई उपायों का वर्णन मिलता है, जिनमें से एक तरीका बहुत आसान और बहुत कठिन माना जा सकता है। यदि दंपत्ति वृक्ष लगाते हैं और उन वृक्षों की देखभाल करते हैं और उन्हें बड़ा करते हैं तो उनके योग्य और सुंदर पुत्र रत्न का जन्म होता है।


   मुख्य रूप से यदि आप अपने स्थान पर फल देने वाले और छायादार पेड़ लगाते हैं, तो यह अत्यधिक विशिष्ट लाभ प्रदान करता है। इसमें पीपल, आम तथा अन्य फलदार वृक्ष लगा सकते हैं।


यदि यह वृक्षारोपण सार्वजनिक स्थान पर किया जाए तो अत्यधिक लाभकारी होता है। क्योंकि इसका लाभ हर व्यक्ति को मिलेगा। यह एक तरह की सेवा है। आप पेड़ों को जीवन दे रहे हैं। तथा वृक्षों के माध्यम से जनकल्याण के कार्य होते हैं। जिसके फलस्वरूप आपको पुत्र जीवन का वरदान भी प्राप्त होता है।

भगवान शिव के लिए उपवास

सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए कन्याएं भगवान शिव का व्रत रखती हैं। यदि संतान या पुत्र प्राप्ति के लिए इस व्रत को बड़ी श्रद्धा से किया जाए तो भगवान शिव उनकी मनोकामना पूरी करते हैं। सोमवार के दिन आप भगवान शिव का व्रत इन अंक 11, 21, 41 में रख सकते हैं।


इन व्रतों को करने का विधान वही है जो आपके परिवार में और आपके समाज में प्राचीन काल से चला आ रहा है और जब आप भगवान शिव की पूजा करते हैं तो उनसे संतान प्राप्ति की कामना जरूर करनी चाहिए। आप व्रत की संख्या का संकल्प लेकर और अपनी मनोकामना रखकर इस व्रत को पूर्ण कर सकते हैं।

बाल सेवा उपाय

सेवा और जप में अपार शक्ति होती है। संतान प्राप्ति के उद्देश्य से दंपत्ति को छोटे बच्चों की सेवा करनी चाहिए। इसके लिए आप कुछ छोटे बच्चों के भोजन की व्यवस्था देख सकते हैं या किसी परिवार के कुछ बच्चों को पढ़ाने का खर्च वहन कर सकते हैं जो अपने बच्चों को पढ़ाने में सक्षम नहीं हैं या आप समय-समय पर बच्चों को स्कूल में खिला सकते हैं। .आप उनके लिए अध्ययन सामग्री या पोशाक आदि उपलब्ध करा सकते हैं।

इसके साथ ही अपने जीवन में सादगी और शांति लाने की भी जरूरत है। इस दौरान आपको किसी भी तरह के असामाजिक और शास्त्र विरोधी काम करने से बचना होगा, बल्कि इन कामों से हमेशा दूर रहना होगा।
आपको प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा करनी होगी। आप प्रतिदिन भगवान शिव से संबंधित किसी भी स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं या सोमवार के दिन भी इसका पाठ कर सकते हैं। सात्विक जीवन जिएं, सात्विक भोजन करें। आपका मनोरथ अवश्य पूरा होगा।

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